baccho ki aankhon mein Kajal lagana surakshit hai
दोस्तों आज आप अपनी हमारे इस ब्लॉग में क्या नवजात शिशु की आंखों में काजल (aankhon mein Kajal lagana) लगाना सुरक्षित है मैं जानेंगे कि क्या सच में नवजात शिशु की आंखों में काजल लगाना सुरक्षित या असुरक्षित है इसके बारे में पूरी जानकारी डिटेल में जानने वाले हैं नवजात शिशु की आंखों में काजल (aankhon mein Kajal lagana) लगाना सुरक्षित नहीं माना जाता है क्योंकि काजल में लोहे की धातु का प्रयोग होता है जो नवजात शिशु की आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है और भी बहुत सारी ऐसी समस्याएं हैं जो नवजात शिशु की आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) लगाने से नवजात शिशु के लिए खतरनाक बन सकती हैं
बच्चों को काजल क्यों नहीं लगाना चाहिए Baccho ki aankhon me kajal kyu nahi lagana chahiye
ज्यादातर लोग बच्चों की आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) लगाना सुरक्षित मानते हैं लेकिन यह उनकी गलतफहमी है उनको इसके बारे में पता नहीं होता है कि बच्चों की आंखों में काजल लगाना अच्छा है या बुरा प्रभाव है क्योंकि काजल के इस्तेमाल से बच्चों की आंखों में खुजली उत्पन्न हो सकती है और अन्य भी एलर्जी हो सकती हैं ऐसा माना जाता है कि काजल में सीसे की मात्रा पाई जाती है कुछ ऐसे मार्केट में बन रहे जो हंड्रेड परसेंट सीसी मुक्त काजल का दावा करते हैं आपको अगर काजल उपयोग करना ज्यादा सही लगता है तो इसके लिए आप नेचुरल घर के बने हुए काजल का उपयोग कर सकते हैं जो पूरी तरह से शीशा मुक्त हो लंबे समय तक नवजात शिशु में का जलवा उपयोग करने से बहुत सारी समस्याएं पैदा हो सकती हैं शिशु का बोन मैरो बन्ना प्रभावित हो सकता है इसके अलावा आंखों में दूर-दूर जलन की भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं आंखों में गंदे हाथ लगाने से भी या नाखून या चोट पहुंचाने से आपकी आंखों के लिए नुकसान पैदा कर सकती हैं
जैसे कि आंखों का संक्रमण हो सकता है या आंखों से पानी आने लगता है इस प्रकार की बहुत सारी समस्याएं हैं इसलिए नवजात शिशु की आंखों में काजल(baccho ki aankhon mein Kajal lagana) ना लगाएं यदि आपके बच्चे की आंखों को सुंदर बनाना है तो उन्हें आप स्वच्छ एवं साहब जल्द से साफ करें और उनकी पूरी देखभाल करें बच्चे को नींद की पूरी कोशिश करें कि बच्चे को नींद पूरी है और वह स्वस्थ रहे यदि आपके बच्चों में आंखों से जुड़ी ऐसी कोई समस्या है तो डॉक्टर से इस बारे में आप सलाह ले सकते हैं
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वैसे तो नवजात शिशु में काजल लगाना सदियों से चला आ रहा है अलग-अलग जगह पर इसका अलग-अलग प्रचलन देखने को मिलता है यह बहुत ही पुराना रिवाज है ऐसा माना जाता है की काजल लगाने से आपके शुभचिंतक रिश्तेदार मित्र कि आपके शिशु पर बुरी नजर नहीं पड़ती है इसका प्रयोग बुरी नजर से बचाने के लिए किया जाता है इसके लिए आपको लोग सुरमा या काजल लगाने की भी सलाह देते हैं पुरानी परंपरा के हिसाब से आंखों में काजल लगाना आंखों को सुंदर एवं आकर्षक बनाता है मगर यह एक शोध में बिल्कुल गलत साबित हुआ है यदि आप अपने नवजात शिशु को काजल लगाना चाहते हैं तो उसको आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) लगा कर कान नाक मत्थे पैर तलवे पर काजल का टीका लगा सकते हैं आपके बच्चों के लिए एक बहुत अच्छा विकल्प है
मुक्ता काजल में 50% तक लीड का प्रयोग किया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही अंगारक होती है इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है इसका प्रभाव हमारे बोन मैरो मस्ती किडनी व शरीर के अन्य बहुत सारे अंगों पर पड़ता है ऐसा माना जाता है कि यदि खून में लीड का स्तर बढ़ जाता है तो व्यक्ति के कोमा में जाने की संभावनाएं होती हैं और उसे बेहोशी और एक जैसी समस्याएं हो सकती हैं
नवजात शिशु पर काजल का प्रभाव Baccho par kajal ka prabhav
नवजात शिशु पर काजल का एक बुरा प्रभाव इसलिए है कि नवजात शिशु अभी छोटा होता है उसका शरीर विकसित नहीं हुआ होता उसका शरीर विकसित हो रहा होता है ऐसे में अगर लीड के संपर्क में आ जाता है तो उसके स्वास्थ्य पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे नवजात शिशु स्वस्थ रहने लगता है
क्या घर पर बना काजल सेफ है
वैसे तो घर पर बना काजल पूरी तरह से होममेड होता है और इसे अच्छा भी माना जाता है इसमें लीड की मात्रा नहीं पाई जाती है इसी वजह से बच्चों में घर का बना काजल लगाने को कहा जाता है वैसे तो घर में बने काजल का उपयोग करना सेब माना जाता है लेकिन अगर डॉक्टरों की माने तो डॉक्टरों के हिसाब से बच्चों की आंखों में काजल लगाना सेव नहीं है इससे नवजात शिशु की आंखों में संक्रमण हो सकता है और हमारे नवजात शिशु की आंखों में इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है
वैसे तो घर पर बनाया गया काजल सेफ है बाजार से मिलने वाले काजल की अपेक्षा लेकिन आप खुद जान सकते हैं कि काजल कार्बन से बनता है और कार्बन हमारी आंखों के लिए हानिकारक होता है तो बच्चों की आंखों के लिए कारण कितना हानिकारक हो सकता है और बच्चों में काजल को आंखों में लगाने से संक्रमण का भी खतरा रहता है
नवजात शिशु पर काजल का प्रभाव
नवजात शिशु पर काजल का बुरा प्रभाव इसलिए है कि बच्चा भी विकसित हो रहा होता है वह पूरी तरह से विकसित नहीं होता है और ऐसे में अगर हम उसकी आंखों में काजल लगाएंगे तो इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है वैसे तो घर में बनेगा जल में प्राकृतिक चीजों का उपयोग होता है लेकिन आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे समस्याएं उत्पन्न हो सकती
बच्चों की आंखों में काजल लगाने की गलतफहमी aankhon mein Kajal lagana ki galatfahmi
बच्चों की आंखों में काजल लगाने के बहुत ही रीजंस है लेकिन फिर भी बहुत सारे लोग अपने बच्चों की आंखों में काजल लगाते हैं जो कि पूरी तरह से गलत है ऐसा मानना होता है लोगों का कि बच्चों की आंखों में काजल लगाने से उस पर बुरी नजर नहीं पड़ती है और बच्चों की आंखें पलकें बड़ी हो जाती हैं जबकि सच्चाई यह है कि काजल लगाने से ऐसा कुछ नहीं होता है क्योंकि हर बच्चे के शारीरिक विकास उसके नए नक्श जींस के हिसाब से ही होते हैं आप प्राकृतिक रूप से नए नक्श का बदलाव नहीं कर सकते हैं क्योंकि काजल लगाने से मांस पेशियों पर कोई भी ऐसा प्रभाव नहीं पड़ता है कि मांस पेशियां उससे बढ़ने लगे यह एक महिलाओं में बहुत बड़ी गलतफहमी है
क्या सच में बुरी नजर से बचाता है काजल
वैसे तो हम अपने आसपास पड़ोस में देखते हैं कि लोग कहते हैं काजल का टीका हमें बुरी नजर से बचाता है लेकिन वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो ऐसा कुछ नहीं है कि काजल हमें बुरी नजर से बचाता है यह लोगों की एक गलतफहमी है यदि अगर ऐसा हो कि काजल हमें बुरी नजर से बचाता है और हमारी आंखों को अधिक रोशनी प्रदान करता है तो डॉक्टर दवाइयों की जगह मरीजों को काजल की सलाह देने लगे
नवजात शिशु की आंखों में पानी आने का कारण
आपका नवजात शिशु अगर स्वस्थ है तो उसकी आंखों में पानी यानी आंसू नहीं आने चाहिए आपके नवजात शिशु की आंखों में पानी आंसू तभी आते हैं जब आपके नवजात शिशु के आंखों में कोई इंफेक्शन हुआ वह यह एक इन्फेक्शन का कारण ही है कि आपके नवजात शिशु की आंखों में पानी आंसू आने लगते हैं इसके लिए आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेकर इसका उचित इलाज करना चाहिए बच्चों की आंखों की समस्या में कोई भी लापरवाही ना करें इससे आपकी बच्चों की आंखों की रोशनी भी जा सकती है तो इसलिए आप जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें और इस समस्या का निदान पाएं
क्या नवजात शिशु को जन्म के तीन चार महीने तक काला और सफेद दिखाई देता है
नवजात शिशु को वैसे तो जन्म के तीन चार महीने तक काला सफेद ही दिखाई देता है क्योंकि नवजात शिशु को रंग की पहचान नहीं होती है क्योंकि जो हम सामान्य तौर पर रंग देखते हैं वह हमारी आंखों की रेटिना कोशिकाओं के माध्यम से देखते हैं जिन्हें शंकु कहा जाता है इन संतो को संकेत रंग को संशोधित करते हैं और शिशु अविकसित संकु तथा उनका दिमाग भी आविकसित होता है इसलिए बच्चों को रंग की समझ नहीं होती है
बच्चों की आंखों में काजल लगाने से होने वाले इन्फेक्शन (baccho ki aankhon mein Kajal se infection)
बच्चों की आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) लगाना बहुत ही नुकसानदायक है इसमें लेड की मात्रा पाई जाती है ज्यादा दिनों तक शिशु की आंखों में काजल का इस्तेमाल करने से आंखों में इंफेक्शन हो सकता है और बच्चों की आंखों में संक्रमण उत्पन्न हो सकता है संक्रमण के निम्नलिखित लक्षण है
- आंख का लाल होना जाना
- बच्चों की आंखों में दर्द होने के साथ-साथ जलन
- बच्चों की आंखों में गंदगी आना
- बच्चों की आंखों से पानी निकलना
- आंखों में खुजलाहट उत्पन्न होना
Conclusion
दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको हमारा यह ब्लॉग क्या नवजात शिशु की आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) लगाना सुरक्षित है आपको पसंद आया होगा और आपने बच्चों की आंखों में काजल लगाने के बारे में सारी चीजों को बारीकी से जाना हुआ समझा होगा आपने यह जाना होगा कि बच्चों की आंखों में काजल (baccho ki aankhon mein Kajal lagana) लगाना कितना हानिकारक हो सकता है तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप हमें कमेंट करें और अगर कोई भी अपने बच्चों की आंखों में काजल का बहुत अधिक इस्तेमाल करता है तो उसके साथ इस ब्लॉक को शेयर करें ताकि यह जानकारी उसके पास पहुंच सके जिससे वह जागरूक हो सके अगर इस आर्टिकल से जुड़ी कोई भी समस्या आए तो भी आप हमें कमेंट कर सकते हैं और अन्य प्रकार की हेल्थ से जुड़ी जानकारी के लिए आप हमारे दूसरे ब्लॉक को भी पढ़ सकते हैं धन्यवाद दोस्तों
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